
जोर जोर से
छप छप छप छप
जोर जोर से
रखूं मैं कदम
इन राहों में
जहां जानू नहीं
क्या पाऊं मैं
क्या सीखूं मैं
क्या है सितम
छप छप छप छप
जोर जोर से
चली ये बात है
ये रात है
ये साथ है
समझ न पाया मैं
कि कितनी खास है
छप छप छप छप
आज अंगारों पे
जो चल भी ले तो
ना है आरज़ू
छप छप छप छप
आज दीवारों से
भिड़ भी ले मगर
कैसा सुकून
छप छप छप छप
जोर जोर से
जो टूटा है
छूटा है
मुझसे यह कहता है
सबके साथ
यही होता है
छप छप छप छप
जोर जोर से
दिल अब भी चाहे
मगर छिपाए
क्या है जरूरी
ख्वाब या फिर
सच तू
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