कौन हूं मैं?

मैं आसमां की ख्वाइश हूं
या आसमां मेरी
मैं सितारों की फरमाइश हूं
या सितारें मेरी
कौन हूं मैं?

ये अंबर और धरा
के मध्य जो मैं खड़ा
वक्त की बाहों में लिपटा
जीवन पथ पर चल रहा

मैं जरूरत हूं भविष्य की
या किस्सा हूं अतीत का
मैं जरूरत हूं भविष्य की
या किस्सा हूं अतीत का
कौन हूं मैं?

समुद्र से खींच पानी,
मेघ है बरसता
बरसती बूंदों से फिर वह,
जीवन को है सींचता

खिल रहे ये फूल जो,
क्या मेरी हरकत है?
या इन्हें देख पाना भी
खुदा की बरकत है

मैं आक्रोश में समुद्र हूं
या बिखरता हुआ गगन
या वो बूंद हूं जो घुल रही
या उभरता हुआ जीवन
कौन हूं मैं?

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