कोयल

यह कहावत है उस जमाने की
जब मोहब्बत रहगुज़र थी
आती, बतियाती चली जाती

ये बातें किसी की हरकत थी
ये बातें किसी की हसरत बनी
बातों बातों में किसी ने जाना प्यार
प्यार करके भी किसी की बात न बनी

मगर एक ख्वाब था, एक तवज्जो थी
प्यार के आशियाने में कब तक रही
आज एक जमाना है कि दिखती नहीं
वह गुनगुनाती प्यासी कोयल कहीं

Comments