
मौत
मौत,
तू आई थी मगर,
मैं तेरा हो न सका
मै जानता हूं कि चुप रह रहकर,
मैंने ही तुझे पुकार लगाई,
मैंने ही तेरी आस करी
मगर तुझे देखा तो जाना,
असली मौत है जान मेरी
जिए जिए जो मरी हुई,
हर लाश तेरा दीदार करे
मौत तू मतलब जीने का,
फिर क्यों तेरा इंतज़ार करे
समझ सोच कि न मुझे,
सूझ बूझ से परे,
मिले प्यार मारे को,
जिंदा को कौन प्यार करे
मौत,
यह कोई खत नहीं,
न कोई संदेशा है
ये मेरी मरती उम्मीदों का,
आखिरी पेशा है
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