मुझे देख जब तेरे कंधे झुके

मुझे देख जब तेरे कंधे झुके
जब पलकें झप झपझपाई
जब होठ थर थरथराए
जब गहरी सांस लेकर तूने पुकारा
हाय! ऐसा प्यार मिले न दोबारा

वो धीमे से चलना
और धीमे से चलना
समय ही रोक दोना
क्यों आगे है बढ़ना
जब इस दौड़ को हमने मिलकर नकारा
दिल उचक के बोला – फंस गया बेचारा!

उफ, ये रास्ता, क्यों बिछड़ने लगा?
क्यों मंजिले अलग हो रखी है?
किस्मत तेरा धिक्कार,
क्या तेरी नफरत है प्यार?
या नजदीक आने से पहले
दूरियां मजबूरी है
मोहब्बत समझ चुके
अहमियत समझना जरूरी है

अब मिले दोबारा
अरे! दोबारा न मिले
मिले अगर तो ऐसे
जैसे हवा भी वो वैसे
जैसे रास्ता भी वैसा
जैसी मंजिले थी वैसी
कैसी? ये ही तो बता नहीं पा रहा
तेरे चेहरे के सिवा कुछ याद ही नहीं आ रहा

Comments